ठंड बढ़ने के कारण हमारा रक्त गाढ़ा होने लगता है। इसलिए खासकर सुबह के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
Health Tips: पूरे देश में सर्दी अपना प्रकोप दिखा रही है. ठंड के कारण हमारा शरीर कई बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। इसलिए ठंड के मौसम में सेहत का ज्यादा ख्याल रखना जरूरी है. सर्दियों में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा का खतरा अधिक रहता है। एक अध्ययन के मुताबिक, ठंड से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 50 फीसदी से ज्यादा होता है। ऐसे में हृदय और अस्थमा के मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
आइए आपको बताते हैं क्या सावधानियां जरूरी हैं-
ठंड बढ़ने के कारण हमारा रक्त गाढ़ा होने लगता है। इसलिए खासकर सुबह के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। दरअसल, गाढ़ा होने के कारण रक्त धमनियों में जमने लगता है। जिससे रक्तचाप बढ़ता है और ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
ठंड में पसीना ना के बराबर ही आता है जो दिल और अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है. पसीना न आने से शरीर से सोडियम और पानी की मात्रा नहीं निकल पाता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यह हृदय की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
कई लोग सर्दियों में शराब का सेवन करना अच्छा मानते हैं। यह आम धारणा है कि शराब पीने से सर्दी से लड़ सकते है जबकि ऐसा सोचना गलत है. शराब पीने से शरीर से गर्मी निकलती है, जिससे शरीर का मुख्य तापमान कम हो जाता है। इस स्थिति में हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। नशे की हालत में बचाव ठीक से नहीं हो पाता और व्यक्ति की जान भी जा सकती है.
ऐसे करें बचाव
यहां हम दिल और अस्थमा के मरीजों के लिए ठंड और हार्ट अटैक या ब्रेक स्ट्रोक आदि से बचने के तरीकों के बारे में बात कर रहे हैं। इस संबंध में सबसे पहला उपाय तो यह है कि नमक और घी-मक्खन का सेवन न करें। इनके सेवन से वसा जमा होती है और रक्तचाप बढ़ता है। नियमित रूप से पानी पिएं और हमेशा गुनगुना पानी पिएं। शरीर से पसीना बहाने के लिए व्यायाम, जिम आदि करें, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। सर्दियों में धूम्रपान, दही आदि बंद कर दें।