गोवा विधानसभा अध्यक्ष ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने से इनकार किया, कहा - यह मुद्दा बेहद संवेदनशील

खबरे |

खबरे |

गोवा विधानसभा अध्यक्ष ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने से इनकार किया, कहा - यह मुद्दा बेहद संवेदनशील
Published : Aug 4, 2023, 5:55 pm IST
Updated : Aug 4, 2023, 5:55 pm IST
SHARE ARTICLE
Goa Assembly (FILE PHOTO)
Goa Assembly (FILE PHOTO)

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे से जुड़े सभी पहलुओं पर सुनवाई कर रहे हैं।

पणजी:  गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तवाडकर ने शुक्रवार को मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा की मांग वाले एक सदस्य के निजी संकल्प को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा किया। यह प्रस्ताव विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक क्रूज सिल्वा द्वारा पेश किया गया था। प्रस्ताव में सिल्वा ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष तवाडकर ने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। मणिपुर सरकार पहले से ही इस मामले को देख रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस मुद्दे को देख रहा है। इसलिए, मैं इस प्रस्ताव को अस्वीकार करता हूं।’’

कांग्रेस, आप, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) समेत अन्य विपक्षी सदस्यों ने तवाडकर के कदम के खिलाफ सदन में शोर-शराबा किया।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय इस मुद्दे से जुड़े सभी पहलुओं पर सुनवाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘संसद में इस मुद्दे पर कोई विरोध नहीं है। सभी (मणिपुर की) शांति, सुरक्षा और विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा के लोग पहले से ही मणिपुर की एकता, शांति और समृद्धि के पक्ष में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, इस मुद्दे पर पहले ही उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो रही है, इसलिए विपक्ष को इसे (विधानसभा में विरोध) सस्ती लोकप्रियता का हथकंडा नहीं बनाना चाहिए।’’ विधानसभा के दोपहर के भोजन के बाद के सत्र के दौरान विपक्ष ने इस मुद्दे को फिर से उठाने की कोशिश की, लेकिन अध्यक्ष ने उनसे राज्य की शांति और सद्भाव को खराब न करने का आग्रह करते हुए फिर से अनुमति नहीं दी।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

Location: India, Goa, Panaji

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM

जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर, मंच बंद

19 Dec 2024 5:30 PM

जगजीत सिंह डल्लेवाल के पक्ष में खनौरी बॉर्डर पहुंचे मूसेवाला के पिता

19 Dec 2024 5:28 PM

ਧਾਮੀ 'ਤੇ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਸਖ਼ਤ ਐਕਸ਼ਨ, ਬੀਬੀ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦੀ ਮੰਗ ਤੋਂ ਬਾਅਦ Raj Lali Gill ਦਾ Exclusive Interview

18 Dec 2024 5:42 PM

18 ਸਾਲ ਪੁਰਾਣੇ ਘਰੇਲੂ ਝਗੜੇ ਬਾਰੇ Jathedar ਦੇ ਵੱਡੇ ਖ਼ੁਲਾਸੇ - Bathinda Jathedar Harpreet Singh|Viral Video

18 Dec 2024 5:39 PM