सावधान! देश में दिमाग खाने वाले अमीबा की एंट्री, केरल में अबतक तीन मासूम की ली जान, जानें कैसे बनाता है शिकार

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सावधान! देश में दिमाग खाने वाले अमीबा की एंट्री, केरल में अबतक तीन मासूम की ली जान, जानें कैसे बनाता है शिकार
Published : Jul 5, 2024, 11:56 am IST
Updated : Jul 6, 2024, 1:40 pm IST
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Brain Eating Amoeba Child Death Case In Kerala update news in hindi
Brain Eating Amoeba Child Death Case In Kerala update news in hindi

अब तीसरे मामले में केरल के कोझिकोड में 14 साल के लड़के की मौत का है.

Brain Eating Amoeba: देश में अब दिमाग खाने वाले अमीबा की एंट्री हुई है. केरल में इस खतरनाक अमीबा ने 14 साल के एक मासूम की जान ले ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब मासूम तालाब में  नहा रहा था तो यह अमीबा नाक के जरिए उसके शरीर में चला गया और फिर बच्चे के दिमाग में अमीबा का संक्रमण फैल गया. इलाज के दौरान इस अमीबा ने उसकी जान ले ली.  तो चलिए आपको इस खतरनाक दिमाग खाने वाले अमीबा के बारे में बताते हैं.
 
जानकारी दे दें कि इस खतरनाक अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) है। मेडिकल भाषा में इस अमीबा को Primary amoebic meningoencephalitis (PAM) कहते हैं। वहीं बोलचाल की भाषा में इसे 'ब्रेन ईटिंग अमीबा' यानी  दिमाग खाने वाला अमीबा  के रुप में जाना जाता है. 

कैसे फैलता है

प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ यानी PAM इंफेक्शन गंदे पानी में पाए जाने वाले प्री-लिविंग अमीबा के कारण होता है। यह नाक की पतली त्वचा से शरीर में घुस जाता है।

पहले दो मासूम की ले चुका है जान

बता दे कि इस अमीबा से केरल में पहले भी दो जाने जा चुकी है. मई 2024 के बाद से केरल में संक्रमण का यह तीसरा मामला  सामने आया है.  पहला मामला 21 मई को मलप्पुरम की एक 5 साल की बच्ची मौत का था। इसके बाद दूसरा मामला 25 जून को कन्नूर की एक 13 साल की लड़की की मौत का था.  वहीं अब तीसरे मामले में केरल के कोझिकोड में 14 साल के लड़के की मौत का है, जिससे पूरे राज्य में दहशत फैल गई है. 

 केरल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों को 'अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस' (PAM) से सावधान रहने और इसे लेकर जीतना हो सके सावधानी बरतने की सलाह दी है।

नेगलेरिया फाउलेरी नामक ये अमीबा मिट्टी, तालाब और झीलों , नदियों जैसे पानी के स्रोतों वाली जगहों में पाया जाता है। ये एक फ्री लिविंग ऑग्निज्म है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस अमीबा के शरीर में दाखिल होने के बाद शरीर का सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पैरालाइज हो जाता है।  

बता दे कि नेगलेरिया फाउलेरी अमीबा के शरीर में प्रवेश करने के एक से 12 दिनों अंदर ही इसके लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं। पीएएम के लक्षण कुछ-कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शन मिनीनजाइटिस की तरह होते हैं। इस बीमारी के लक्षण बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दौरे हैं।

अमेरिका के सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल के मुताबिक पीएएम एक ब्रेन इंफेक्शन है जो अमीबा या नेगलेरिया फाउलेरी नामक एकल-कोशिका वाले जीव से होता है।

इसे आमतौर पर 'दिमाग खाने वाला अमीबा' कहा जाता है क्योंकि जब अमीबा युक्त पानी नाक में जाता है तो यह ब्रेन को इंफेक्टेड कर देता है। ‘प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ यानी PAM बीमारी में ब्रेन-ईटिंग अमीबा इंसान के दिमाग को संक्रमित कर मांस खा जाता है।


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ROZANASPOKESMAN

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