मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इंफाल: मणिपुर में पिछले 53 दिनों से हिंसा जारी है। ऐसे में सुरक्षाबलों और पुलिस ने रविवार को राज्य के 7 जिलों में सर्च ऑपरेशन चलाया। सुरक्षा बलों के तलाश अभियान के दौरान 12 बंकर नष्ट कर दिए गए और मोर्टार के छह गोले जब्त किए गए हैं। पुलिस ने रविवार रात बताया कि पिछले 24 घंटे में तामेंगलोंग, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, काकचिंग और चुराचांदपुर जिलों में तलाश अभियान के दौरान बंकरों को नष्ट किया गया।
पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘ कुछ छिटपुट घटनाओं के कारण तनाव व्याप्त है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। ’’ बयान के अनुसार, तलाश अभियान के दौरान साहुमफाई में धान के एक खेत में मोर्टार के 51 एमएम के तीन तथा 84 एमएम के तीन गोले मिले और बिष्णुपुर जिले के कांगवई तथा एस. कोटलियान गांवों के पास एक आईईडी बरामद किया गया। बम निरोधक दलों ने मोर्टार और आईईडी को मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया।
पूर्वोत्तर राज्य में पिछले महीने हुई जातीय हिंसा के बाद से कुल 1,100 हथियार, 13,702 गोला-बारूद और 250 बम बरामद किए गए हैं। राज्य पुलिस ने कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए, खाली मकानों में चोरी करने और आगजनी के आरोप में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।