नाग पंचमी मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं
Nag Panchami 2025 News In Hindi: नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नागों और नाग देवताओं की पूजा की जाती है। यह पर्व प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान का संदेश देता है।
नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? (Why is Nag Panchami celebrated?)
नाग पंचमी मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं:
महाभारत काल से जुड़ी कथा: सबसे प्रचलित कथा महाभारत काल से जुड़ी है। राजा परीक्षित को तक्षक नाग ने डस लिया था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके पुत्र जन्मेजय ने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एक विशाल 'सर्प सत्र' नामक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें सभी नाग अग्नि में जलने लगे। तब ऋषि आस्तिक मुनि ने हस्तक्षेप किया और नागों की रक्षा की, जिससे सर्पों का वंश बच गया। यह घटना श्रावण मास की पंचमी तिथि को हुई थी, तभी से इस दिन को नागों की रक्षा और पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। इस मान्यता के कारण ही नागपंचमी पर नागदेव को दूध चढ़ाने की परंपरा है।
भगवान कृष्ण और कालिया नाग: एक अन्य पौराणिक कथा भगवान श्री कृष्ण और कालिया नाग से संबंधित है। बताया जाता है कि भगवान कृष्ण ने यमुना नदी में निवास करने वाले कालिया नाग का अहंकार तोड़ा था और उसे गोकुलवासियों को परेशान करने से रोका था। भगवान ने नाग के फन पर नृत्य किया और बांसुरी भी बजाई। तभी से नागों की पूजा की परंपरा चली आ रही है।
समुद्र मंथन: कुछ मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे अमृत की प्राप्ति हुई। वासुकी नाग के इस योगदान के कारण भी नाग पंचमी मनाई जाती है।
सर्पदंश से मुक्ति और समृद्धि: ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से सर्पदंश का भय कम होता है और घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
कालसर्प दोष से मुक्ति: ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में कालसर्प दोष होने पर नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने और उन्हें दूध चढ़ाने से इसके अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
नाग पंचमी का महत्व (Significance of Nag Panchami):
- प्रकृति और जीवों का सम्मान: यह पर्व हमें प्रकृति और उसमें मौजूद सभी जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान और संरक्षण का संदेश देता है। नाग पर्यावरण के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- देवताओं से संबंध: हिंदू धर्म में नागों को दिव्य और रहस्यमयी माना गया है। भगवान शिव के गले में वासुकी नाग लिपटे रहते हैं, जो उनके संहारक रूप को दर्शाता है। शेषनाग पर भगवान विष्णु विराजमान हैं।
- भय से मुक्ति: नागों की पूजा करने से लोगों को सर्प दंश के भय से मुक्ति मिलती है।
- पारिवारिक कल्याण: स्त्रियां इस दिन अपने भाइयों और परिवार की सुरक्षा और खुशहाली के लिए नाग देवता की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।
नाग पंचमी कैसे मनाते हैं? (नाग पंचमी का त्योहार कैसे मनाया जाता है?):
नाग पंचमी के दिन लोग कई तरह से इस त्योहार को मनाते हैं:
- सुबह स्नान: भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं।
- नाग देवता की पूजा:
- घरों में मिट्टी या गोबर से नागों की आकृति बनाई जाती है, या नाग देवता के चित्र/प्रतिमा स्थापित की जाती है।
- नागों को दूध, फूल, चावल, हल्दी, कुमकुम और दूब घास चढ़ाई जाती है।
- घी या तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है और विधि-विधान से पूजा की जाती है।
- कई जगहों पर सांपों को दूध पिलाने की भी परंपरा है, हालांकि अब पशु अधिकार समूह इस पर आपत्ति जताते हैं क्योंकि यह सांपों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- विशेष रूप से शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म जैसे पौराणिक नागों की पूजा की जाती है।
- शिवलिंग पर जलाभिषेक: भगवान शिव को नाग अति प्रिय हैं, इसलिए इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया जाता है।
- व्रत और कथा: कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं और नाग पंचमी व्रत कथा का पाठ या श्रवण करते हैं।
- मंत्र जाप और आरती: नाग देवता के मंत्रों का जाप किया जाता है और अंत में उनकी आरती उतारी जाती है।
- शुभकामनाएं: लोग एक-दूसरे को नाग पंचमी की शुभकामनाएं देते हैं।
यह त्योहार भारत के साथ-साथ नेपाल में भी मनाया जाता है।
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