
हम आपके लिए इस हफ्ते के "टॉप 5 फैक्ट चेक" लेकर आए हैं।
RSFC (Team Mohali)- "सोशल मीडिया अब एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है जिस पर दिन-ब-दिन फर्जी खबरें ज्यादा देखने को मिल रही हैं। राजनीतिक पार्टियों का प्रोपेगेंडा और किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ जहर अब सोशल मीडिया पर आम वायरल होता नजर आ जाता है। इन वायरल दावों की जांच रोज़ाना स्पोक्समैन के द्वारा की जाती है। हमारी फैक्ट चेक टीम हर वायरल झूठ का सच आपके सामने पेश करने की कोशिश करती है। अब इसी कोशिश के आधार पर हम आपके लिए इस हफ्ते के "टॉप 5 फैक्ट चेक" लेकर आए हैं।
1. NDMA ने उत्तरकाशी सुरंग श्रमिकों की AI जनरेटेड तस्वीर साझा की, Fact Check रिपोर्ट
Fact Check AI Generated Image Shared By NDMA In The Name Of Uttarkashi Tunnel Workers
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। मजदूरों को निकालने के मिशन की सफलता से पूरे देश ने राहत की सांस ली। इस मिशन के बाद सुरंग में भारत का झंडा थामे मजदूरों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई और दावा किया गया कि यह तस्वीर उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की थी। इस तस्वीर को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट इंडिया समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स शेयर कर रहे थे।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल तस्वीर AI जेनरेटेड थी कोई असली तस्वीर नहीं। वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक थी।
इस पुरे Fact Check लेख को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
2. वायरल तस्वीर का उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों से कोई संबंध नहीं है.
Unrelated image shared in the name of Uttarkashi Tunnel Tragedy
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फसें मजदूरों को लेकर सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग शख्स की तस्वीर वायरल हुई थी, जिसे शेयर कर दावा किया गया कि ये तस्वीर सुरंग में फंसे एक मजदूर की थी।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर काफी पुरानी थी और इसका उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों से कोई लेना-देना नहीं था।
इस पुरे Fact Check लेख को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
3. मनचले की पिटाई करती लड़कियों के इस मामले में कोई साम्प्रदायिक कोण नहीं है, Fact Check रिपोर्ट
Fact Check Old video of school girls beating miscreant viral with communal spin
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेज़ी से वायरल हुआ। इस वीडियो में कुछ लड़कियों को एक लड़के की बेहरहमी से पिटाई करते देखा जा सकता था। इस वीडियो को साम्प्रदायिक कोण दे वायरल कर दावा किया गया कि विशेष समुदाय से नाता रखने वाले एक लड़के ने जब हिन्दू लड़कियों को छेड़ा तो उन लड़कियों ने लड़के को जमकर पीट दिया।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया था। यह वायरल वीडियो हालिया नहीं बल्कि 2018 का यूपी के बागपत का था जब धर्म सिंह सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज की लड़कियों ने कपिल चौहान नामक मनचले की पिटाई कर दी थी। इस मामले में कोई साम्प्रदायिक कोण नहीं था।
इस पुरे Fact Check लेख को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
4. तेलंगाना चुनाव 2023 को लेकर NDTV के नाम से फर्जी चुनाव नतीजे वायरल, फैक्ट चेक रिपोर्ट
Fact Check Fake Opinion Poll result going viral in the name of NDTV regarding Telangana Elections 2023
तेलंगाना चुनाव 2023 की सरगर्मियों के बीच मीडिया संस्थान NDTV के नाम से एक ओपिनियन पोल का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। NDTV के नाम से वायरल नतीजे इस प्रकार थे;
◆कांग्रेस: 68-76
◆बीजेपी: 3-5
◆बीआरएस: 30-35
◆एआईएमआईएम: 5-7
◆IND : 2-4
कुल सीटें: 119
सरकार बनाने के लिए आवश्यक: 60
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया था। NDTV ने खुद स्पष्टीकरण देकर साफ किया था कि ये ग्राफिक फर्जी है।
इस पुरे Fact Check लेख को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
5. फिलिस्तीनी बच्चे का यह शव कोई प्लास्टिक की गुड़िया नहीं है, राइट विंग एक्टिविस्ट ने फैलाया झूठ
Fact Check Right Wing Activist Mr Sinha Shared Fake News Claiming A Real Body As A Plastic Toy
खुद को हिंदू राइट एक्टिविस्ट बताने वाले मिस्टर सिन्हा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें एक मां को अपने बच्चे के शव को गोद में लेकर रोते हुए देखा जा सकता था। वीडियो शेयर करते हुए सिन्हा ने फिलिस्तीनियों पर निशाना साधा और दावा किया कि यह कोई असली शव नहीं बल्कि प्लास्टिक की गुड़िया थी जिसे यह महिला पकड़कर रोने का नाटक कर रही थी।
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो कोई प्लास्टिक की गुड़िया नहीं बल्कि असली शरीर का था। शव 5 महीने के फ़िलिस्तीनी बच्ची का था जिसे उसकी माँ अंतिम विदाई दे रही थी।
इस पूरे फैक्ट चेक को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
यह थे इस हफ्ते के Top 5 Fact Checks... रोज़ाना हमारे Fact Check पढ़ने के लिए हमारे Fact Check सेक्शन पर विज़िट करें।
photo