रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2014 का है।
Claim
पंजाब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए लुधियाना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर राजा वारिंग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में राजा वारिंग को एक शख्स को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। अब दावा किया जा रहा है कि वायरल हो रहा वीडियो हालिया है और इसे वायरल कर पंजाब कांग्रेस और राजा राजा वड़िंग पर निशाने साधे जा रहे हैं।
फेसबुक पेज "पंजाब की आवाज़ ने वायरल वीडियो साझा करते हुए लिखा, "हालात बदलता हुआ हाथ…"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2014 का है। अब करीब 10 साल पुराना वीडियो वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। ये पहली बार नहीं है कि ये वीडियो वायरल हुआ है। ये वीडियो कई सालों से वायरल हो रहा है।
Investigation
पड़ताल शुरू करते हुए हमने इस वीडियो को ध्यान से देखा और कीवर्ड सर्च के जरिए मामले से जुड़ी खबरें ढूंढनी शुरू कीं।
हमें इस मामले से संबंधित 2019 में प्रकाशित कई समाचार रिपोर्टें मिलीं, लेकिन किसी भी संगठन ने वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है। फिर आगे बढ़ते हुए हमने फेसबुक सर्च के जरिए इस वीडियो को तलाशा।
सर्च के दौरान हमें यह वीडियो कई पुराने फेसबुक पोस्ट पर अपलोड मिला। इन पोस्ट से साफ है कि ये वीडियो पहली बार वायरल नहीं हुआ है। इस वीडियो को विभिन्न विपक्षी दल लगभग पिछले 4-5 वर्षों से वायरल कर रहे हैं। ऐसा ही एक पोस्ट हमें 2016 का मिला। फेसबुक पेज "वी सपोर्ट ऑल आप कैंडिडेट्स" ने 10 सितंबर 2016 को यह वायरल वीडियो शेयर किया था और राजा वड़िंग पर निशाने साधे थे
इस पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट किया था कि ये वीडियो और भी पुराना है। मतलब साफ था कि वीडियो की सच्चाई अभी भी कोसों दूर है।
आगे सर्च करने पर हमें इस मामले की पूरी खबर www.tribuneindia.com पर मिली।
ये वीडियो अप्रैल 2014 का है
ट्रिब्यून की इस खबर में वीडियो का स्क्रीनशॉट था। इस खबर में साफ कहा गया कि यह वीडियो 30 अप्रैल 2014 का है जब राजा वड़िंग ने अपने रिश्तेदार को थप्पड़ मारा था।
ट्रिब्यून की खबर यहां क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।
मतलब साफ था कि 2014 का वीडियो कई सालों से झूठे दावों के साथ वायरल हो रहा है और अब इसे लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
"आपको बता दें कि हमने इस वीडियो की जांच नवंबर 2021 में भी की थी। हमारी पिछली पड़ताल यहां क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।"
Conclusion
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2014 का है। अब करीब 10 साल पुराना वीडियो वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। ये पहली बार नहीं है कि ये वीडियो वायरल हुआ है। ये वीडियो कई सालों से वायरल हो रहा है।
Result- Misleading
Our Sources
Meta Post Of "We Support All Aap Candidates" Shared On 10 September 2016
News Report Of The Tribune Published On 2 May 2014
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