बिहार औद्योगीकरण के नए युग की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बिहार में निवेश की अपार संभावनाएं है।
पटना,(संवाददाता): उद्योग विभाग द्वारा बिहार स्टार्ट-अप के लिए पहली बार पटना के ज्ञान भवन में बिहार कनेक्ट-2023 इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। जिसमें स्टार्ट-अप के क्षेत्र में निवेश करने वाले कई निवेशकों जैसे - वेनकैप बिजनेस वेन्चर्स के डाॅ कैलाश पिन्जाणी, एन्लाईटेन वेन्चर्स कैपिटल के कौशिक शेखर, रूट मोबाइल के आपरेशन हेड राहुल पाण्डे और चीफ बिजनेस ऑफिसर मिलिन्ड पाठक, वेन्चर्स कैटालिस्ट के कुमार सौरव, आई.टी.आई. ग्रोथ अपोरचुनिटी फंड के आयुषी साह, वेन्चर कैपिटल के अनिरूद्ध जयगोपाल, आर्यमान कागजी एक्सीलौर के आदित्य पाण्डे तथा हैण्ड्रैड एक्स वेन्चर्स की प्रेरणा संगोई, अल्फा वैल्यू कन्सलटींग के मनीष श्रीवास्तव, ट्रांजीसन वेन्चर के विनीत भसीन, लीड एन्जेल के जस राणावत, इंडियन एन्जेल नेटवर्क के सनत मंडल और अर्थ वेन्चर फंड की गौरी कुछल ने भाग लिया।
बिहार कनेक्ट-23 में उपस्थित स्टार्ट-अप उद्यमियों को संबोधित करते हुए बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि सभी अपने स्टार्ट अप और नए आइडियाज के माध्यम से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के भविष्य को संवार रहे है।
बिहार औद्योगीकरण के नए युग की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बिहार में निवेश की अपार संभावनाएं है। बिहार के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने तथा निवेशकों के विश्वास को जीतने के लिए हमलोग पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ काम कर रहें हैं। बिहार के औद्योगिकीकरण के संकल्प को पूरा करने के लिए हमने कई लक्ष्यों का निर्धारण किया है- जैसे स्टार्ट-अप और इनोवेशन को बढ़ावा देना, बड़े उद्योगों की स्थापना, MSME को व्यापक प्रसार देना, बिहार के पारंपरिक उद्योग जैसे-हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, खादी, ग्रामोद्योग को मजबूती प्रदान करना।
बिहार में स्टार्टअप्स के ग्रोथ के लिए शानदार ईको सिस्टम तैयार हो रहा है जिसमें स्टार्ट-अप को-ट्रेनिंग, वित्तीय सहायता, को-वर्किंग-सह- को-लर्निंग स्पेस, मार्केटिंग, तकनीकी विकास जैसे सहयोग मिल रहे हैं, ताकि न सिर्फ स्टार्ट-अप उद्यमियों की सफलता सुनिश्चित हो बल्कि देश और दुनिया के बड़े स्टार्ट अप्स की कतार में बिहार के स्टार्ट अप्स भी खड़े हो सकें।
बिहार में स्टार्ट-अप को नई ऊर्जा और गति प्रदान करने के लिए 2017 के बाद नये प्रावधानों के साथ बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2022 लागू की गई ताकि स्टार्ट-अप को सरल और त्वरित गति से सहायता दी जा सके।
स्टार्ट अप और नवाचार को बढ़ावा देना आर्थिक विकास और मजबूती के लिए आवश्यक है। बिहार सबसे बेहतर इमर्जिंग स्टार्ट-अप इको सिस्टम वाला राज्य है। दुनिया में भारत स्टार्ट-अप इको सिस्टम तीसरे स्थान पर है।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि बिहार में स्टार्ट-अप 32.70 करोड़ रुपये सीड फंड के रूप में स्वीकृत किये जा चुके हैं। अब तक 327 स्टार्ट-अप रजिस्टर्ड हो चुके हैं और इन्हें 16 करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार में 50 से अधिक स्टाट-अप को महिलाएँ लीड कर रही हैं जो विशेष बात है। स्टार्ट-अप उद्यमियों की मदद के लिए उद्योग विभाग ने इंडियन इंस्टीच्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी, पटना तथा चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना के साथ टाईअप किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में उद्यमिता और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमें अपना इको सिस्टम मजबूत करना है। बिहार के स्टार्ट-अप कृषि और हैण्डलूम हस्तकरघा के साथ-साथ रोबोटिक्स और ड्रोन बनाने के काम में भी लगे हुए हैं। भविष्य में ये स्टार्ट-अप पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाएँगे। बिहार कनेक्ट 2023 का संयोजन उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने किया।
कार्यक्रम में चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के राणा सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमोद कुमार सहित स्टार्ट-अप कम्पनियों के लगभग 200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने किया।