कोर्ट ने डीजीपी द्वारा पेश एक जवाब को रिकार्ड में रखते हुए एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट 12 दिसम्बर से पहले कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया ।
Punjab-Haryana High Court DGP investigation in NDPS cases News in Hindi: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को विभिन्न पुलिस थानों में एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज सभी मादक पदार्थों के मामलों की जांच की प्रगति की निगरानी करने को कहा है । सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजीपी द्वारा पेश एक जवाब को रिकार्ड में रखते हुए एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट 12 दिसम्बर से पहले कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया ।
पिछली सुनवाई पर डीजीपी ने हाई कोर्ट में बताया था कि एनडीपीएस मामलों के 1,447 आरोपित अभी भी फरार हैं, जबकि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के छह महीने से अधिक समय बीत चुका है। एनडीपीएस अधिनियम के परविधान के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद छह महीने से अधिक समय तक कानूनी प्रक्रिया से बचने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। जस्टिस एनएस शेखावत ने ड्रग मामले में आरोपित वरिंदर सिंह उर्फ बिंदा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान जज ने पाया कि याचिकाकर्ता पर 12 सितंबर 2023 को मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पिछले 11 महीनों से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।इसके अलावा, मौजूदा मामले में एसएसपी बठिंडा के हलफनामे के अनुसार, चालान 29 जनवरी को पेश किया गया था और अब पाया गया है कि हेड कांस्टेबल सुखराज सिंह ने पुलिस थाने के रिकार्ड में इस आशय की कोई प्रविष्टि नहीं की है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच लंबित है।यहां तक कि इंस्पेक्टर संदीप सिंह, जो एसएचओ, पुलिस स्टेशन नथाना के रूप में तैनात रहे और वर्तमान मामले के जांच अधिकारी एएसआई दिलबाग सिंह ने भी आरोपित के खिलाफ वर्तमान मामले की जांच की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके खिलाफ वर्तमान मामले में जांच लंबित है। हाई कोर्ट ने पाया कि पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की गई और केवल विभागीय कार्यवाही शुरू की गई और ऐसे दागी पुलिसकर्मी पुलिस थानों में पुलिस बने रहे।
पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने एसएसपी बठिंडा को हलफनामा दाखिल कर जिला बठिंडा के विभिन्न थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज उन सभी मामलों की सूची देने को कहा था, जिनमें पिछले छह महीने से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। एसएसपी बठिंडा ने अपने हलफनामे में बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज 83 आपराधिक मामलों में पिछले छह महीने से अधिक समय से 97 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।
हलफनामे में दिए गए ब्यौरे से हाई कोर्ट ने यह भी पाया कि आरोपितों के खिलाफ पीओ की कोई कार्यवाही और उनकी संपत्ति कुर्क करने की कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई। हाई कोर्ट ने यह भी पाया कि जिला बठिंडा के उच्च पुलिस अधिकारियों ने एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों की जांच की निगरानी नहीं की थी।
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