‘आप’ ने सक्सेना पर सरकार के काम में ‘‘दखल’’ देने का आरोप लगाया है।.
New Delhi: उच्चतम न्यायालय शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने की दिल्ली के उपराज्यपाल की सशर्त मंजूरी के खिलाफ दायर आम आदमी पार्टी सरकार की याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई करेगा। ‘आप’ सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की।
सिंघवी ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल यह तय कर रहे हैं कि किन शिक्षकों को भेजना है, कैसे भेजना है और कब भेजना है। यह मामला शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित है।’’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम इस मामले पर 14 अप्रैल 2023 को सुनवाई करेंगे।’’ दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सरकारी विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को कुछ शर्तों के साथ मार्च में सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
सक्सेना ने अपनी मंजूरी देते हुए यह उल्लेख किया था कि अतीत में विदेशों में संचालित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आकलन के प्रभाव को रिकार्ड में लाने से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने इनकार कर दिया।
उपराज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था, ‘‘उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने प्राथमिक (विद्यालय) प्रभारियों को फिनलैंड में प्रशिक्षण दिलाने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘सभी को समतापूर्ण लाभ पहुंचाने के रुख को आगे बढ़ाते हुए उपराज्यपाल ने प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने वाले प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 52 से बढ़ा कर 87 कर दी है, ताकि शिक्षा विभाग के सभी 29 प्रशासनिक जोन के प्राथमिक (विद्यालय) प्रभारियों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।’’.
अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 29 प्रशासनिक जोन में प्रत्येक से तीन प्रभारियों (कुल 87) का चयन किया जाएगा, जबकि सरकार ने मनमाने तरीके से यह (कुल) संख्या 52 तय की थी।’’
इस मामले को लेकर उपराज्यपाल के कार्यालय और ‘आप’ सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया है। ‘आप’ ने सक्सेना पर सरकार के काम में ‘‘दखल’’ देने का आरोप लगाया है।.