2024 में खुदरा महंगाई एक बार फिर आरबीआई के तय दायरे से बाहर

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2024 में खुदरा महंगाई एक बार फिर आरबीआई के तय दायरे से बाहर
Published : Nov 11, 2024, 3:52 pm IST
Updated : Nov 11, 2024, 3:52 pm IST
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Retail inflation once again out of RBI's range in 2024 news in hindi
Retail inflation once again out of RBI's range in 2024 news in hindi

टमाटर 120 फीसदी महंगा, प्याज में 46% तेजी

Continuous Increase In Prices Of Food Items News In Hindi: खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और उच्च आधार प्रभाव के खत्म होने से अक्तूबर, 2024 में खुदरा महंगाई एक बार फिर आरबीआई के तय दायरे से बाहर निकलकर 6 फीसदी के पार पहुंच सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इससे न सिर्फ आम आदमी के घर का बजट बिगड़ जाएगा, बल्कि रेपो दर में हालिया कटौती की संभावनाएं भी धूमिल हो जाएंगी।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई अक्तूबर में बढ़कर 6.15 फीसदी के स्तर पर पहुंच जाएगी। यह अगस्त, 2023 के बाद इसका 14 महीने का उच्च स्तर होगा। उस समय खुदरा महंगाई 6.83 फीसदी रही थी, जबकि जुलाई, 2023 में बढ़कर 15 माह के उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी।

खाद्य कीमतों में वृद्धि से खुदरा महंगाई सितंबर में भी बढ़कर 9 माह के उच्च स्तर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई थी, जबकि अगस्त में यह 3.65 फीसदी थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी अगस्त के 5.66 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 9.24 फीसदी पहुंच गई थी। खुदरा महंगाई के आंकड़े मंगलवार को आ सकते हैं।

सब्जियों और खाद्य तेल में उछाल

रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर के बाद अक्तूबर में भी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। इसकी मुख्य वजह सब्जियों और खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हैं। खाने-पीने की वस्तुओं की - लगातार बढ़ती कीमतें देश में नीति निर्माताओं के लिए अब भी एक चुनौती बनी हुई हैं, जो खुदरा महंगाई को स्थायी तौर पर चार फीसदी तक लाना चाहते हैं।

कीमतों के मोर्चे पर कई जोखिम

रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य आपूर्ति में व्यवधान (अगर कोई हो), खाद्य तेलों पर आयातित मूल्य दबाव और डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका में बनने वाली सरकार में व्यापार शुल्क वृद्धि के प्रभाव जैसे कारकों से महंगाई पर जोखिम बना हुआ है। इन पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।

टमाटर 120 फीसदी महंगा, प्याज में 46% तेजी

क्रिसिल का हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर में टमाटर की कीमतें एक साल पहले की समान अवधि के 29 रुपये से 120.68 फीसदी बढ़कर 64 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई है। बारिश के कारण टमाटर की आवक प्रभावित हुई है। प्याज की कीमतें सालाना आधार पर 46 फीसदी बढ़ी हैं। आलू की कीमतों में 51 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।

जनवरी-मार्च तिमाही तक राहत मिलने की उम्मीद

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई समेत सबकी निगाहें खरीफ सीजन में कटाई और रबी फसल की बुवाई की प्रगति पर होंगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही यानी जनवरी-मार्च तक खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है। इसका असर खुदरा महंगाई के समग्र आंकड़ों पर भी देखने को मिल सकता है।

(For more news apart from Retail inflation once again out of RBI's range in 2024  News In Hindi, stay tuned to Spokesman Hindi)

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ROZANASPOKESMAN

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