‘डिजियात्रा’ की शुरुआत पहले चरण में पिछले साल दिसंबर में की गई थी।
कोलकाता ; कोलकाता हवाई अड्डे से यात्रा शुरू करने वाले यात्री अब चेहरे की पहचान करने वाली प्रौद्योगिकी से अपेक्षाकृत कम समय में अपने उड़ानों के लिए हवाई अड्डे में प्रवेश और विमानों में सवार हो सकेंगे क्योंकि शुक्रवार को यहां ‘डिजियात्रा’ सेवा की शुरुआत की गई। यह जानकारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई।
कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली,बेंगलुरु और वाराणसी के बाद देश का चौथा हवाई अड्डा है जहां पर यह सुविधा प्रदान की गई है।
‘डिजियात्रा’ की शुरुआत पहले चरण में पिछले साल दिसंबर में की गई थी। कोलकाता हवाई अड्डे द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘इसका मुख्य उद्देश्य कई स्थानों पर टिकट और पहचान पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया को खत्म करना है ताकि डिजिटल ढांचे के तहत मौजूदा अवसंरचना के बावजूद यात्री बेहतर तरीके से आवाजाही कर सकें।’’
बयान में कहा गया कि कोलकाता हवाई अड्डे पर प्रायोगिक तौर पर 22 फरवरी को यह प्रौद्योगिकी शुरू की गई और बृहस्पतिवार तक इस सुविधा का 9,206 यात्री इस्तेमाल कर चुके थे। बयान के मुताबिक एअर इंडिया, इंडिगो, गोफर्स्ट, विस्तारा और स्पाइसजेट के यात्री डिजियात्रा सेवा का यहां लाभ उठा सकेंगे।
इस सेवा का उद्घाटन करते हुए कोलकाता हवाई अड्डे के निदेशक सी पट्टाभि ने कहा, ‘‘इससे यात्रियों की आवाजाही तेज होगी, कागज रहित यात्रा होने के साथ अधिक सुरक्षा और हवाई अड्डे की अवसंरचना में सुधार सुनिश्चित होगा।’’ इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए यात्री को डिजियात्रा ऐप पर आधार सत्यापन के साथ पंजीकरण कराना और अपनी तस्वीर अपलोड करनी होगी। अगले चरण में बोर्डिंग पास और पहचान पत्र को स्कैन करना होगा और हवाई अड्डे के साथ साझा करना होगा।